देश के समक्ष चुनोतिया और भारतीय राजनीती
आज हिंदुस्तान के समक्ष हजारो चुनोतिया है जिनसे निपटना इस देश के लिए अवश्यम्भावी है .
जाती वाद ,क्षेत्रवाद ,साम्प्रदायिकता ,कश्मीर समस्या ,चीन का बार बार भारतीय सीमा में घुसना ,बेरोजगारी,भ्रष्टाचार। और ऐसी ही हजारो समस्या है जिनसे निपटना इस देश के लिए चुनौती बन रही है
एक छोटी सी घटना सांप्रदायिक दंगो में बदल जाती है। मुझहफर कि घटना ने जंहा पुरे देश को झकझोर के रख दिया वंही कश्मीर में सेना के जवानो का पाकिस्तानी सेना के द्वारा सर काटना और फिर हमारे गृह मंत्री का बयान।
मित्रो में आज मुख्या रूप से कश्मीर समस्या पे बात करना चाहता हूँ। देश कि आजादी के बाद रियासतो के एकीकरण का काम मुख्यरूप से सरदार बलभ भाई पटेल को दिया गया और उन्होंने बहुत ही चतुराई से लगभग सभी रियासतो को साम दाम दंड भेद से हिंदुस्तान में विलय कर लिया। पर जो आज कि प्रमुख समस्या है कश्मीर समस्या उसके विलय का काम स्वयं प. जवाहर लाल नेहरू ने अपने हाथ में लिया। और इसी एक रियासत को आज समस्या के रूप में देश को तोहफा दे गए। और दुबारा गलती यह कि कि इसी संयुक्त राष्ट्र में ले गए। और मित्रो गलतियों का पिटारा यंही खत्म होने वाला नहीं और कश्मीर को धारा 370 के अंतर्गत विशेष सुविधा इस प्रकार कि दी कि वो देश में होते हुए भि……… . कश्मीर ही एक ऐसा राज्य है जंहा दो झंडे दो संविधान बनाये गए। मित्रो इसी धरा 370 के अनुसार हम कोई भी वंहा कोई जमीन नहीं खरीद सकते। एक प्रकार से देश से अलग सा ही मामला हो गया। .... और तो और इस राज्य में कश्मीरी पंडितो को मार मार के भगाया गया है। दोस्तों आज इस देश को सबसे ज्यादा जरुरत है धरा 370 को हटाकर कश्मीर को दी जेन वाली सभी विशेष सुविधा हटा ली जाये। . या फिर सेना को और भी ज्यादा अधिकार दिए जाये और जो भी आँख इस देश कि तरफ बुरी नजर से देखे उन आँखों को नोच ले। ज़ो नापाक हाथ बढे उन हाथो को जड़ मूल से नष्ट कर दे। … जरुरत है एक मजबूत इच्छा शक्ति कि राजनीती कि मजबूत नेतृत्व कि। … और यह नेतृत्व अभी तो यही लगता है कि नरेंद्र मोदी ही दे सकते है