Thursday, February 4, 2010

उत्तर भारतीय बनाम बांग्लादेसी

महाराष्ट्र की राजनीति में आज कल एक नया सगुफा छिड़ा हुआ है की मराठी मानुस का सबसे बड़ा हितेसी कोन है । और महाराष्ट्र की क्षेत्रीय पार्टिया इस काम को बहुत ही आचे तरीके से निभा रही है । पर यह पार्टिया भूल रही है की मराठी मानुस के नाम से यह लोग भारत की एकता और अखंडता को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा रहे है । मराठी मानुस के नाम पर यह अपने ही भाइयो को मार काट रहे है । अगर राज ठाकरे और इनके चाचा को अगर मराठी मानुस का भला ही करना है तो निकालो न बांग्लादेसी घुस पेठियो को जो आये दिन महाराष्ट्र में , मुंबई में कभी क्या समस्या पैदा करते है कभी विष्फोट करते है कभी किसी का अपहरण करते है कहने का मतलब है सारे काम देश को नुकसान पहुँचाने वाले करते है । राज भैया इस देश को और आपके और हमारे प्यारे महाराष्ट्र को किसी भी उत्तर भारतीय से नुकसान नहीं होगा । राज ठाकरे के देखा देखी शिव सेना भी अपना मराठी वोट बैंक को खिसकता देखकर मराठी मानुस के भलाई का ढिंढोरा पीटने लगी । देखा जाये तो महाराष्ट्र के स्थानीय कानून पहले स ही इतने सख्त है की उनमे महाराष्ट्र के अलावा और कंही का मानुस फिट ही नहीं होता । पर कांग्रेस को महाराष्ट्र में शिव सेना को कमजोर करना था तो इसे यह मोका स्वयं शिव सेना ने ही दे दिया और राज के रूप में कांग्रेस को अपना एक मजबूत एजेंट मिल गया । क्योंकि कोंग्रेस तो उत्तर भरियो की खिलाफत कर नहीं सकती क्योंकि वो तो एक राष्ट्रीय पार्टी है । अगर वो ऐसा कुछ करेगी तो उसे पुरे हिंदुस्तान में नुकसान होगा ...... हाय मेरे देश की राजनैतिक पार्टिया ..... जिन्हें देश प्रेम से ज्यादा वोट का प्रेम है । राज ने अगर इसे बंग्लादेसियो को निकालने का आन्दोलन बनाते तो देश का प्रत्येक युवा उनको अपना रोल मॉडल मानता और हर आदमी यह सोचता की हाँ यह आदमी इस देश का प्रधान मंत्री बने तो देश का भला हो सकता है । पर सस्ते वोट बैंक को प्राप्त करने के चकर में यही रास्ता ठीक लगा । में अब भी कहता हूँ की महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों से कोई नुकसान नहीं होगा हाँ यह अब भी कहता हूँ की अगर कोई नुकसान होगा तो बंग्लादेसियो से होगा .... जो लगता है की अभी तो बांग्लादेसी बनाम उत्तर भारतीये में लगता है की अभी तो बांग्लादेसी भारी है ..... पर जब तक हिन्दुस्तान में संघ की शक्ति है ऐसे कृत्या संघ कभी नहीं होने देगा । और सही समय पर संघ ने अपने स्वयं सेवको से उत्तर भरियो की रक्षा करने का आदेस देकर एक बार संघ ने अपनी सामाजिक सरोकार की भूमिका निभाई ॥ जय हिंद

Wednesday, February 3, 2010

उत्तर भारतीय बनाम बंगलादेशी

महाराष्ट्र में आजकल हर पार्टी ने मराठी मानूस का राग अलापने में अपने आपको सबसे बड़ा साबित करने में लगी है । और लगता है महाराष्ट्र हिंदुस्तान से भी बड़ा हो गया महारष्ट्र के नेताओं ने मराठी मानुस के नाम से अपने ही भारतीये भाइयो को प्रताड़ित करने में लगी है । और इस काम को सबसे ज्यादा अंजाम दे रहे है कांग्रेस के एजेंट के रूप से काम कर रहे महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे और उनके गुर्गे और उनके इस राग में सुर से सुर मिलाना अपनी मजबूरी समझ रही है शिव सेना , और इनका मूक दर्शक बन कर साथ दे रही है कांग्रेस । इन पागल लोगो को समझाया जाये की मुंबई में पहले से जितने कानून है उन सब में मुंबई के अलावा और कोई कंही का आदमी फिट ही नहीं हो सकता । पहले से ही महाराष्ट्र के सभी कानून मराठियों के हिसाब से उन्ही को सुविधा देने के लिए बनया गया है । राज अगर वास्तव में ही अपने आपको मराठी मानूस का हितेषी बताता है या है तो महाराष्ट्र को उत्तर भारतीयों से कोई खतरा नहीं है और नहीं उत्तर भारतीय कभी वंहा कोई विष्फोट करने वाले है । मुंबई और इस देश को बचाना है तो राज भैया महाराष्ट्र में अनगिनत बांग्लादेसी रहते है जो गेर कानूनी काम करते है महाराष्ट्र में विष्फोट करते है निकलना है तो उनको निकालो देश आपको सलाम करेगा । आपका यह मराठी मानूस का राग जो जो आप अलाप रहे हो कृपया करके बंद करो इसे यह तो अपने ही भाइयो को मारने वाला और इस देश को राज्यों के नाम से तोड़ने वाला कदम है । पर राज को तो सिर्फ वोटो से मतलब है और कांग्रेस इस बात को अच्छी तरह से जानती है । सिव सेना का वोट बैंक अगर तोडा जा सकता है तो मराठी मानुस के नाम से ही तोडा जा सकता है इस लिए कांग्रेस ने अपने अगेंट के रूप में राज ठाकरे को खड़ा किया क्योंकि ऐसा कांग्रेस तो कर नहीं सकती क्योंकि वो तो एक राष्ट्रीय पार्टी है ऐसा करने से उसे हिंदुस्तान के हर राज्य में नुक्सान हो सकता है । में फिर कहना चाहता हूँ की कृपया करके आपस में लड़ने का काम बंद करो इन बंग्लाद्सी घुस्पेथियो को निकालो वरना न तो मराठी मानुस रहेगा और नहीं कोई उतर या दक्षिण भारतीय रहेगा ...... और इस संकट काल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का बयान स्वागत योग्य है । जय हिंद ....... राज्यों की आपस में जय बोलेंगे तो नुक्सान होगा हिंदुस्तान की कीमत पर राज्य के हितो को छोड़ना होगा । किसी ने कहा है की अगर पूरी दुनिया को बचाने के लिया एक देश एक देश को बचने के लिए एक राज्य और एक राज्य को बचने के लिए एक जिले और जिले को बचने के लिए एक गाँव की बलि दे जा सकती है । आज हमें किसी की बलि देने की आवश्यकता नहीं है हमें आवश्यकता है तो बस इतनी की इस देश के सामने जो बंगलादेशी घुसपेठ की समस्या है उसे निजात दिलाने के लिए किसी न किसी राज्य को आगे आना होगा। भारत माता की जय .