Saturday, June 27, 2009

आज के युग में टेलीविजन की भूमिका

टेलीविजन आज हमारे रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल हो गया है । बिजली पानी खाना इसी प्रकार टेलीविजन भी आज के मनुष्य की अहम् जरुरत बन गया है । हर मध्यम वर्गीय परिवार में आज एक नही बल्कि घर में जितने कमरे है उतने ही टेलीविजन मिलेंगे । अगर देखा जाए तो यह आज के युग की एक महत्वपूरण आवश्यकता है । टेलीविजन के कारण ही आज हम कंही की भी ख़बर को घर बेठे जान सकते है । ज्ञान वर्धन के हिसाब से तो यह ठीक है और हमारा मनोरंजन भी करता है । ज्ञान वर्धन और शुद्ध मनोरंजन तक तो भूमिका ठीक है । पर शुद्ध मनोरंजन के अलावा सांस्कृतिक प्रदुषण भी टेलीविजन के जरिये हमारे घरो में पंहुच चुका है । और भारतीये समाज के ताने बाने को तोड़ने का काम सबसे ज्यादा किसी व्यक्ति विशेष ने किया है तो उसका नाम है एकता कपूर । एकता कपूर के धारावाहिकों में आप देखते है की एक ही महिला के उसी घर में चार चार बार विवाह हो जाते है । औरत के विकृत रूप को बहुत ही सुंदर साड़ी और मेक उप में उसको बहुत ही सुंदर बना कर पेश किया जाता है । और दिखाया जाता है की किस प्रकार उअरत पर सदियों से जुल्म हो रहा है और उस ज़ुल्म को इन धारावाहिकों के मध्यम से सिर्फ़ और सिर्फ़ एकता कपूर के धारावाहिक देखने वाली महिलाए ही ज़ुल्म काठीक कर सकती है । इन धारावाहिकों को देखने से एक बात तो हमारे समाज में बहुत ही मजबूती से फैली है की हमारे इस हिन्दुस्तानी समाज में नई नई शादिया बहुत टूट रही है । कोई दहेज़ के नाम पर तो कोई महिला प्रताड़ना के नाम पर । साथ ही कुछ विदेशी चॅनल भी सांस्कृतिक प्रदुषण फैलाने में कमी नही छोड़ रहे है । आज हमारे समाज को सुधारने के लिए टेलीविजन और सिनेमा के लिए कोई कठोर कानून बनाना ही चाहिए । वरना यह आग कब हमारे घरो को जला कर रख कर देगी और हमे पता ही नही चलेगा क्योंकि हम तो सास भी कभी बहु थी और कसौटी ज़िन्दगी को देखने में व्यस्त रहेंगे । ............. सोचो ......