Sunday, February 15, 2009

velentines day

वेलेंतिनेस डे के ऊपर जो हो हल्ला हो रहा है यह सिर्फ़ मीडिया की उपज है हम भारतीय संस्कृति को मानने वाले और भारतीय मूल्यों के अनुसार हम अपने जीवन चरित्र को और भी ऊँचा कर सकते है। पर इस व्यापारिक युग में हर कम्पनी हर व्यापारी सिर्फ़ एक ही चीज जनता है वो है पैसा कैसे बनाये ।
और उनके इस काम को चार चाँद लगाने के लिए हमारे लोकतंत्र का एक स्तम्भ जिसको हम मीडिया कहते है उसने और भी ज्यादा कोम्मोर्सिअल बना दिया है। न्यूज़ चैनल हर न्यूज़ को इस प्रकार पेश करते।
वेलेंतिनेडे का जिस प्रकार कुछ राष्ट्रवादी लोग विरोध करते है तो उस न्यूज़ को इस प्रकार दिखाते है जैसे कोई आतंकवादी हमला हो गया है। ये सही है सबको स्वतंत्रता से जीने का अधिकार है पर हम स्वतंत्रता के नाम पर हमारे सांस्कृतिक मूल्यों की बलि तो नही दे सकते । इस लिए देश की सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करनी जरुरी है ।